THE DEFINITIVE GUIDE TO LYRICS SHIV CHALISA

The Definitive Guide to lyrics shiv chalisa

The Definitive Guide to lyrics shiv chalisa

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मातु पिता भ्राता सब कोई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥

जन्म जन्म के पाप नसावे । अन्तवास शिवपुर में पावे ॥

अर्थ- हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती।

राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।

निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे ।

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु सुधारि। बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।

श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी

शिव आरती

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

अर्थ- हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की website आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।

मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

वैसे तो आप शिव चालीसा को किसी भी दिन बोल सकते हैं, लेकिन रविवार, सोमवार तथा बुधवार को भगवान शंकर जी की चालीसा करने का बड़ा महत्व बताया गया.

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

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